ज़ुर्म का पाठ
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नहीं, यह बिलकुल गलत है
छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में बंदूकें दे देना
औरतों का अदालत में जाकर बलात्कारी की हत्या कर देना
नहीं, यह बिलकुल गलत है
बच्चों की नयी मासूम आँखों में नुकीली धारदार ख़बरें चुभ देना
मासूम किलकारी को चीख में बदल देना
नहीं, यह बिलकुल ही गलत है
शीलवती को रौंदकर बिना कपड़ों के नंगा घुमाना
गौरवमयी माँ का अपनी ही कोख उजाड़ देना
नहीं , यह बिलकुल ग़लत है
इंसानी रूप में पैदा होकर हैवान बनने की प्रक्रिया रोज़ देखना
गेहूँ उगाने वाले का एक रोटी के लिए तरसकर मर जाना
नहीं , यह बिलकुल ही गलत है
सब गलत- गलत को बार- बार लिखना और बार- बार पढना
समाचारों में सब गलत- गलत का बार-बार छापना
एक ऐसे पन्ने की तलाश में रुंध रही है साँस
जिसमें सब सही-सही कहा/लिखा जायेगा
जिसे बच्चों को रोज़ बार- बार रटाया जायेगा
जिसमें मनुष्य की हर शक्ल को इंसान माना जायेगा .................
_________________________________________________kanchan
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नहीं, यह बिलकुल गलत है
छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में बंदूकें दे देना
औरतों का अदालत में जाकर बलात्कारी की हत्या कर देना
नहीं, यह बिलकुल गलत है
बच्चों की नयी मासूम आँखों में नुकीली धारदार ख़बरें चुभ देना
मासूम किलकारी को चीख में बदल देना
नहीं, यह बिलकुल ही गलत है
शीलवती को रौंदकर बिना कपड़ों के नंगा घुमाना
गौरवमयी माँ का अपनी ही कोख उजाड़ देना
नहीं , यह बिलकुल ग़लत है
इंसानी रूप में पैदा होकर हैवान बनने की प्रक्रिया रोज़ देखना
गेहूँ उगाने वाले का एक रोटी के लिए तरसकर मर जाना
नहीं , यह बिलकुल ही गलत है
सब गलत- गलत को बार- बार लिखना और बार- बार पढना
समाचारों में सब गलत- गलत का बार-बार छापना
एक ऐसे पन्ने की तलाश में रुंध रही है साँस
जिसमें सब सही-सही कहा/लिखा जायेगा
जिसे बच्चों को रोज़ बार- बार रटाया जायेगा
जिसमें मनुष्य की हर शक्ल को इंसान माना जायेगा .................
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