Saturday, April 18, 2015

फिल्म ' हाइवे ' का ड्राईवर किडनैप की गयी लड़की के प्रति सहानुभूति का ऐसा ऐसा व्यवहार करता कि लड़की अपने घर से ज्यादा उसके साथ सुरक्षित समझती खुद को। घर में किसी ने सुनी नहीं उसकी आवाज़। जब घर में आने वाला एक अंकल उसके साथ ग़लत कर रहा था। ड्राईवर संवेदनशील क्यों था ? एक दृश्य में उसकी माँ दिखाई गयी। जिसके साथ उसका पिता दुर्व्यवहार करता था। पिता खुद अपनी पत्नी को अफसरान के पास ले जाता और बाहर उनके फ़ारिग़ होने का इंतज़ार करता। सात आठ साल का था तब वह ड्राइवर। वह समझता था सब। शायद ड्राईवर के भीतर माँ की पीड़ा उसे स्त्री के प्रति संवेदनशील बना रही थी।
कल एक चैनल पर युवा ऊर्जा ऋत्विक अग्रवाल Ritwik Agrawal को देखा जो लड़कियों के पक्ष में साहस के साथ राजनीति के ख़िलाफ़ खड़े होने का हौसला रखे हुए अपनी बात कह रहा था। स्त्री के प्रति संवेदनशील उसका मानस कैसे बना ? उसने परिवार में पिता को स्त्री का सम्मान करते देखा होगा । माँ का सम्मान करते देखा। जब माँ विदेश गयीं दो साल के लिए शिक्षा के लिए। तब पिता ने माँ की इच्छा का सम्मान किया। उन्हें जाने दिया। बच्चों की जिम्मेदारी निभायी। पिता की संवेदनशीलता बेटे तक विरासत में पहुँची। ऐसे पिता Purushottam Agrawal के प्रति हृदय से सम्मान।
एक टैक्सी ड्राईवर वह भी है जिसकी माँ कह रही है कि उसकी गलती है। उसे सजा मिलनी चाहिए।
तो यह कह देना कि संवेदनशीलता घर से शुरू होगी। इतनी मुश्किल क्यों लगती है ? अपने घर की स्त्री का सम्मान सबसे मुश्किल बात है ?जबकि हुस्न वाली प्रेमिका के लिए तो न जाने क्या-क्या लुटाए जाने का इतिहास है। चाँद तारे तोड़ने से ज्यादा मुश्किल बात है अपने घर की स्त्री का सम्मान करना।

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