Thursday, June 13, 2013

1 2  जून ......./......दो जून ....
______________________________
छोटे बच्चे घर के काम के लिए बहुत सही रहते हैं ...
 खासतौर से छोटी लड़कियां ...
डांट देने से चुप हो जाती हैं ..
चालाकी कम करती हैं ...
कम खाना लगता है ..
थोड़े में खुश हो जाती हैं ...
मुलायम हाथ की मालिश भी अच्छी रहती है ...
इनके प्यार व्यार का खतरा नहीं रहता ....
घर के अन्दर कुछ हो जाए तो बात दब जाती है .....
.वगैरह ....
इतनी महंगाई में घर चलाना है ...
सबको पानी हाथ में चाहिए ...
कोई घर के काम करना नहीं चाहता ...
बड़ी लडकियाँ बहुत तंग करती हैं ...
 घर तो ऐसे ही चलेगा ...............
    अब अन्तराष्ट्रीय श्रम संगठन भले ही (12 june )अपना नारा देकर विश्व दिवस मनाता रहे---
            say no to child labour in domestic work.....

वे धूल में सने , ख़ामोशी से 
कपड़ा लिए कोना - कोना चमकते रहते रहते हैं ..
घर के बच्चों के संग हँसते रहते हैं ...
सबके बदले की डांट खाकर सुबक लेते हैं ...
आने के कितने बरस बीते यह भी याद नहीं ....
कैसे जाने बारह जून या दो जून  ?
_____________________________________________
कंचन 

No comments:

Post a Comment