Friday, February 21, 2014

दूसरों का जंगल …! 
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माँ ने अपने घर में पुरानी साड़ी से 
कपड़ों के नये आकार बनाना सिखा दिया 

माँ ने अपने घर की सिलाई मशीन से 
जीवन की कतरनों को जोड़ना सिखा दिया 

माँ ने अपने घर में रात के बचे खाने से 
जीभ को नये स्वाद का पता बता दिया

माँ ने अपने घर में रोज़ दिया जलाने से
रात के अँधेरे में राह ढूँढ चलना सिखा दिया

माँ ने अपने होंठों की बुदबुदाहट के बीच से
दूसरों के जंगल में जीने का मन्त्र सिखा दिया

माँ ने अपने घर की बंद दीवारों में छेद से
उसकी आँखों में नया आसमान रख दिया
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कंचन

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