Saturday, April 18, 2015

स्त्री-धर्म /स्त्री का धर्म !!
बेलपत्र (1987 ) , पहली कहानी गीतांजली श्री, किसी को याद है तो स्त्री और उसकी जाति /धर्म पर की गयीं गर्मागर्म बहसें भी याद होंगी।
आज फिर एक ख़बर पेज ग्यारह पर है , सीमित है डिटेल न्यूज़ देखने के लिए लॉग इन कर लेने का पता है …
विस्तार से देखने पर पूरा किस्सा सामने है कि अपने धर्म से अलग विवाह करने से स्त्री का धर्म बदलेगा ? .......
स्त्री ने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे डाली है कि विवाह दूसरे धर्म में होने के बाबजूद स्त्री को अपने धर्म में बने रहने का अधिकार रहना चाहिए।
यह उसका संवैधानिक अधिकार है।

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