Saturday, April 18, 2015

सड़क -सड़क !!
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ज्ञान की खातिर
एक लड़की ने सिर पे गोली खायी
बुलंद हौसलों की खातिर
एक लड़की को गँवानी पड़ी अपनी टाँगे
पढ़ने की खातिर
एक लड़की सह लेती है देह पर जुल्म
स्कूल जाने की खातिर
एक लड़की चुपचाप पी जाती अपने आँसू
किताबों की खातिर
इंतज़ार करती एक लड़की अपनी दोस्त का
कुछ कर गुज़रने की खातिर
गुज़र जाती लड़की बलात्कार के भय से आगे
लायब्रेरी पहुँचने की खातिर
चौड़ी सड़क पर लड़कियाँ निकल जातीं नंगे पाँव
अपने सपनों की खातिर
लड़कियाँ अब घर-घर नहीं खेलतीं
जीने के हौसले की खातिर
लड़कियाँ अब सड़क-सड़क चल देती हैं।

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